गुणत्रयविभागयोग इस अध्याय में श्री कृष्ण ने तीन गुणों के बारे में बताया है। ये तीन गुण हैं – सात्विक, तामसिक और राजस्विक। सात्विक लोग शाकाहारी भोजन करते हैं, सादे वस्त्र धारण करते हैं , बातों से मृदुल होते हैं व् ईश्वर की भक्ति करते हैं। मृत्यु के बाद ये मोक्ष प्राप्त करते हैं। तामसिक प्रवृति वाले लोग मांसाहारी भोजन करते हैं, गंदे वस्त्र पहनते हैं , हिंसक होते हैं व् कभी भी ईश्वर की स्तुति नहीं करते। मृत्यु के बाद ये नरक भोगते हैं। राजस्विक लोग भोग -विलास में रूचि लेते हैं , इनमें दोनों के गुण होते हैं। मृत्यु के बाद इन्हे कर्मानुसार स्वर्ग व् नरक दोनों मिल सकते हैं। कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 14 धन्यवाद